नमस्कार दोस्तो, आप सभी का हिंदी मास्टरजी ब्लॉग पर स्वागत है. आज के इस लेख में हम जानेंगे कि दर्रा क्या होता है और भारत के प्रमुख दर्रे के नाम व उनके राज्य बताए है. यदि आप एक स्टूडेंट है और भारत के प्रमुख दर्रे के नाम याद करना चाहते है तो हमने यहा पर आपके लिए भारत के प्रमुख दर्रे याद करने की ट्रिक भी बताई है.
भारत की भूमि में देखने के लिए बहुत सारी विचित्र जगह मौजूद है जिन्हें देखकर दिल को काफी सुकून और ज्ञान मिलता है. उन्ही विचित्र जगहों में से एक दर्रे है जिनके बारे में हम आज इस लेख में जानेंगे.
तो चलो बिना देरी किये जानते है कि भारत के प्रमुख दर्रे मैप, PDF और Trick की जानकारी के साथ दर्रे का मतलब क्या होता है और भारत के प्रमुख दर्रे के नाम व उनके राज्य.
दर्रा क्या होता है?
दो पहाड़ो के बीच में प्राकृतिक रूप से बने हुवे रास्ते को दर्रा कहते है. दर्रे का निर्माण मुंख्यतः नदियों के बहनें से होते है लेकिन कुछ अन्य कारणों से भी दर्रे का निर्माण हो सकता है जैसे – भूकंप, ज्वालामुखी, उल्का पिंड गिरने और जमीन खिसकना आदि.
आसान भाषा मे बोला जाए तो पहाड़ी क्षेत्रों में पाए जाने वाले प्राकृतिक रास्तो को दर्रा कहा जाता है. दर्रा दो पहाड़ियों के बीच मे होता है और पहाड़ियों की ऊंचाई से काफी ज्यादा नीचे होता है और वहा का नजारा भी काफी अच्छा होता है.
भारत के प्रमुख दर्रे के नाम व उनके राज्य
वैसे तो भारत मे काफी सारे दर्रे स्थित है लेकिन यहा पर हमने भारत के प्रमुख दर्रो के बारे में आपको बताया है. भारत के प्रमुख दर्रो के नाम व उनके राज्यो की जानकारी कुछ इस प्रकार से है.
1. क़ाराक़ोरम दर्रा – जम्मू-कश्मीर
क़ाराक़ोरम दर्रा जम्मू-कश्मीर राज्य के लद्दाख शहर में काराकोरम पर्वतमाला के बीच मे स्थित है जिसकी ऊंचाई 5,654 मीटर है. यहा तापमान बहुत कम रहता है और तेज़ हवाएँ चलती रहती हैं जिसके कारण यहा बर्फ नही रुकती है लेकिन समय-समय पर बर्फ़बारी होती रहती है.
2. ज़ोजी ला – जम्मू-कश्मीर
ज़ोजी ला जम्मू-कश्मीर राज्य के लद्दाख शहर में स्थित है इस दर्रा की ऊंचाई 3,529 मीटर है. ज़ोजी ला शब्द का अर्थ बर्फानी तूफान का दर्रा होता है. लेकिन कुछ लोग इसे ज़ोजिला दर्रा भी कहते है जो कि गलत है क्योंकि तिब्बती, लद्दाखी और हिमालयी क्षेत्र में बोली जाने वाली कई भाषाओं के अनुसार “आ” शब्द का अर्थ ही दर्रा होता है.
कुछ श्रोतों के अनुसार इस दर्रे का निर्माण सिन्धु नदी से हुआ है. श्रीनगर से लेह जाने का प्रकृतिक रास्ता (राष्ट्रीय राजमार्ग – 1D) इसी दर्रे के बीच से जाता है और यह कश्मीर घाटी को लेह से जोड़ने का काम करता है.
3. पीर पंजाल दर्रा – जम्मू-कश्मीर
पीर पंजाल दर्रा जम्मू-कश्मीर राज्य की पीर पंजाल पर्वतमाला में स्थित है जिसकी ऊँचाई 3,490 मीटर है. इस दर्रे एक मुगल सड़क गुजरती है जो कश्मीर घाटी को जम्मू क्षेत्र के राजौरी ज़िले और पुंछ ज़िले से जोड़ता है. प्रसिद्ध इतिहासकार कल्हण के अनुसार पीर पंजाल दर्रा का प्राचीन नाम “पञ्चालधारा” है.
4. बनिहाल दर्रा – जम्मू-कश्मीर
बनिहाल दर्रा जम्मू-कश्मीर राज्य के हिमालय की पीर पंजाल पर्वत में स्थित है जिसकी ऊंचाई 2,832 मीटर है. कश्मीरी भाषा के अनुसार ‘बनिहाल’ शब्द का अर्थ “हिमावात” होता है. जम्मू से श्रीनगर का रास्ता व राष्ट्रीय राजमार्ग 1A NH1E इसी दर्रे से होकर गुजरता है.
बनिहाल व क़ाज़ीगुंड के मध्यम रेल व सड़क परिवहन की व्यवस्था शुरू करने के उद्देश्य से यहा पर भारत की सबसे बड़ी सुरंग का निर्माण किया गया था. जिसका नाम ‘जवाहर सुरंग’ है और इस सुरंग का उद्घाटन 1956 ई. में किया गया था. जिसके बाद से ही इस दर्रे में बने प्रकृतिक रास्ते का इस्तेमाल बहुत ही कम किया जाता है.
5. बुर्जिला दर्रा – जम्मू कश्मीर
बुर्जिला दर्रा जम्मू कश्मीर राज्य के हिमालय क्षेत्र में भारत और पाकिस्तान के बीच नियंत्रण रेखा पर स्थित है. जो पाक अधिकृत कश्मीर एवं कश्मीर घाटी से और श्रीनगर को गिलगित से जोड़ता है. समुद्र तल से इस दर्रे की ऊंचाई 4,100 मीटर है. इतनी ऊंचाई पर होने के कारण शीत ऋतु में यह दर्रा पूरी तरह से बर्फ में ढक जाता है जिसके कारण वहां पर यह शीत ऋतु में व्यापार और परिवहन बंद रहता है.
6. शिपकी दर्रा – हिमाचल प्रदेश
शिपकी ला / शिपकी दर्रा हिमाचल प्रदेश के किन्नौर ज़िले में और चीन के तिब्बत में नगारी प्रान्त में स्थित है जिसकी ऊंचाई 3,930 मीटर है. तिब्बत से सतलुज नदी इसी दर्रा से होकर भारत मे प्रवेश करती है जिसकी कारण शीत ऋतु में शिपकी ला दर्रा पूरी तरह से बर्फ में ढक जाता है.
इस दर्रा से होकर शिमला से तिब्बत जाने का एक रास्ता और भारतीय राष्ट्रीय मार्ग-5 गुजरता है. इस रास्ते की मदद से सिक्किम के नाथू ला, उत्तराखंड के लिपुलेख, तिब्बत और चीन के साथ व्यापार किया जाता है और यह प्रसिद्ध भारत की व्यापार सीमा चौकियों में से एक है.
7. रोहतांग दर्रा – हिमाचल प्रदेश
रोहतांग दर्रा हिमाचल प्रदेश के हिमालय क्षेत्र में पीर पंजाल पर्वतमाला के पूर्वी भाग में मनाली से 51 किमी दूर स्थित है जिसकी ऊंचाई 3,978 मीटर है. इस दर्रे से मनाली लेह राजमार्ग गुजरता है जो हिमाचल को लद्दाख़ से जोड़ता है. यहा हमेशा बर्फ की चादर बिछी रहती है. राज्य पर्यटन विभाग की एक रिपोर्ट के अनुसार 2008 में लगभग 1 लाख विदेशी पर्यटक यहां गुमने आए थे.
8. बारालाचा दर्रा – हिमाचल प्रदेश
बारालाचा ला / बारालाचा दर्रा हिमाचल प्रदेश राज्य में में हिमालय की ज़ंस्कार पर्वतमाला में स्थित है जिसकी ऊंचाई 4,890 मीटर है. यह दर्रा हिमाचल प्रदेश के लाहौल क्षेत्र को लद्दाख़ प्रदेश के लेह ज़िले से जोड़ता है और मनाली लेह राजमार्ग भी इस दर्रे से होकर गुजरता है जो मनाली को लेह से जोड़ता है.
9. लिपुलेख दर्रा – उत्तराखंड
लिपुलेख दर्रा जिसे लिपुलेख ला और लिपुलेक भञ्ज्याङ नाम से भी जाना जाता है. यह दर्रा उत्तराखंड राज्य के पिथौरागढ़ जिले व चीन द्वारा नियंत्रित तिब्बत के न्गारी विभाग के बीच हिमालय क्षेत्र में स्थित है. जिसकी समुद्र तल से ऊंचाई 5334 मीटर है और इस दर्रा पर भारत-तिब्बत की व्यापार पोस्ट भी स्थित है.
भारत से कैलाश पर्वत व मानसरोवर जाने वाले यात्रियों मुंख्यतः इस दर्रे में बने हुए रास्ते का उपयोग करते है. यह दर्रा नेपाल की सीमा के पास में स्थित है जिसके कारण नेपाल इसे अपना क्षेत्र बताता है लेकिन इस पर पूरी तरह भारत का नियंत्रण है.
10. माना दर्रा – उत्तराखंड
माना दर्रा भारत चीन सीमा पर उत्तराखंड के अंतिम गाँव माना (माणा) में हिमालय की ज़ंस्कार पर्वतमाला में स्थित एक प्रमुख दर्रा है. इसे दर्रे को माना-ला, चिरबितया, चिरबितया-ला और डुंगरी-ला आदि नामो से भी जाना जाता है और इसकी ऊंचाई 5,545 मीटर है.
भारत का प्रसिद्ध मंदिर बद्रीनाथ इसे दर्रे के निकट स्थित है और मानसरोवर और कैलाश घाटी जाने का मुंख्य मार्ग इसी दर्रा से जाता है. यह दर्रा उत्तराखंड के माना (माणा) गाँव को तिब्बत से जोड़ता है और इस मार्ग को दुनिया की सबसे ऊंची परिवहन योग्य सड़क माना जाता है.
11. नीति दर्रा – उत्तराखंड
नीति दर्रा भारत व चीन की सीमा पर उत्तराखंड के कुमाऊँ क्षेत्र में स्थित है जो समुद्र तल से 5,389 मीटर ऊंचाई पर स्थित है. यहा से मानसरोवर झील और कैलाश घाटी जाने का मार्ग जाता है जो उत्तराखंड को तिब्बत से जोड़ता है.
12. नाथू ला दर्रा – सिक्किम
नाथुला दर्रा सिक्किम राज्य में महा हिमालय क्षेत्र में डोगेक्या श्रेणी में स्थित है जिसकी ऊंचाई 4310 मीटर है. यह प्राचीन रेशम मार्ग का एक अहम हिस्सा है भारत व चीन के बीच होने वाले व्यापार का 80% हिस्सा इसी दर्रे से किया जाता है. यह दर्रा सिक्किम राज्य को दक्षिण तिब्बत की चुम्बी घाटी से जोड़ता है.
सन 1962 में भारत व चीन के बीच हुवे युद्ध के बाद इस दर्रे को पूरी तरह बंद कर दिया गया था और इसे रास्ते से भारत व चीन के बीच व्यापार भी रुक गया था. लेकिन बाद में 5 जुलाई 2006 में इसे व्यापार करने की दृष्टि से वापस खोल दिया था.
13. जेलेप ला – सिक्किम
जेलेप ला / जेलेप दर्रा सिक्किम राज्य की हिमालय पर्वतमाला का एक पहाड़ी दर्रा है जिसकी समुद्र तल से ऊंचाई 4,270 मीटर है. भूटान जाने वाला मार्ग इसी दर्रे होकर जाता है जो सिक्किम को चुम्बी घाटी से जोड़ता है. इस दर्रे की चरणों में मेनमेचो झील स्थित है.
14. बोमडिला दर्रा – अरुणाचल प्रदेश
बोमडिला दर्रा अरुणाचल प्रदेश राज्य के उत्तर-पश्चिमी भाग में स्थित है जिसकी ऊंचाई 2217 मीटर है. तिब्बत जाने का मार्ग इस दर्रा से भी गुजरता है जो अरुणाचल प्रदेश को तिब्बत की राजधानी ल्हासा से जोड़ता है.
15. यांग्याप दर्रा – अरुणाचल प्रदेश
यांगयाप दर्रा भारत व तिब्बत (चीन) की सीमा पर अरुणाचल प्रदेश के उत्तर-पूर्व में महा हिमालय पर्वतमाला में स्थित है. इस दर्रा के पास से ब्रह्मपुत्र नदी भारत मे प्रवेश करती है.
16. दिफू दर्रा – अरुणाचल प्रदेश
दीफू दर्रा भारत, चीन और म्यांमार के त्रिकोणीय संगम क्षेत्र में मैकमोहन रेखा पर हिमालय श्रेणी में स्थित है जिसकी ऊंचाई 4,587 मीटर है. यह दर्रा अरुणाचल प्रदेश को म्यांमार राज्य के मंडाले क्षेत्र को जोड़ने वाला आसान और सबसे छोटा रास्ता है.
17. तुजु दर्रा – मणिपुर
तुजु दर्रा मणिपुर के दक्षिण-पूर्व क्षेत्र में म्यांमार की सीमा पर स्थित है. तुजू दर्रा से इंफाल तामु और म्यांमार जाने का एक रास्ता गुजरता है जो भारत को म्यांमार देश से जोड़ता है.
18. पालघाट दर्रा – केरल
पालघाट दर्रा जिसे पालक्काड़ दर्रा के नाम से भी जाना जाता है. यह केरल की पश्चिमी घाट पर्वतमाला में नीलगिरि पहाड़ियों और अन्नामलाई पहाड़ियों के बीच में स्थित है जिसकी ऊंचाई 140 मीटर है. यह दर्रा तमिलनाडु के कोयम्बतूर व पोल्लाची शहर को केरल के पालक्काड़ शहर को जोड़ता है.
19. शेनकोट्टा दर्रा – केरल
शेनकोट्टा दर्रा केरल की इलायची पहाड़ियों में कार्डामम नामक पहाड़ी में समुद्र तल से 210 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. इस दर्रा से गुजरने वाला रास्ता तिरूअनंतपुरम् को मदुरै जोड़ता है.
20. थाल घाट – महाराष्ट्र
थाल घाट प्रायद्वीपीय भारत का प्रमुख दर्रा है, जो महाराष्ट्र राज्य के कसारा शहर के निकट पश्चिमी घाट पर्वतमाला में स्थित है. थाल घाट को कसारा घाट से भी जाना जाता है जिसकी ऊंचाई 585 मीटर है. इस दर्रा से होकर मुम्बई-कोलकाता मार्ग गुजरता हैं जो मुम्बई को नासिक से जोड़ता है.
21. भोरघाट – महाराष्ट्र
भोरघाट यमहाराष्ट्र राज्य में कर्जत और खंडाला शहर के बीच पश्चिमी घाट श्रेणियों में स्थित है जिसकी ऊंचाई 622 मीटर है. भोरघाट दर्रा को प्लाकड दर्रे के नाम से भी जाना जाता है प्लाकड केरल राज्य के नगर का नाम है. मुंबई-पुणे ऍक्सप्रेसवे इसी दर्रा से होकर गुजरता है जो मुम्बई को पुणे से जोड़ता है और NH48 भी यहा से ही गुजरता है जो मुंबई को चेन्नई से जोड़ता है.
भारत के प्रमुख दर्रे पीडीएफ और मैप
यहा पर हमने भारत के प्रमुख दर्रो को मैप में दर्शा कर बताया है जिसे देखकर आप भारत के दर्रो को मैप में दर्शाना सीख सकते है. मैप के बार हमने भारत के प्रमुख दर्रे की PDF भी दिया है जिसमे सबकुछ है.
हमने यहा पर भारत के दर्रे PDF के रूप में आपको दिए है. आप भारत के प्रमुख दर्रे पीडीऍफ़ को नीचे दिए बटन से डाउनलोड कर सकते है.
भारत के प्रमुख दर्रे याद करने की ट्रिक
यहा पर हमने भारत के प्रमुख दर्रो को याद करने की ट्रिक बताई है जिसकी मदद से आप भारत के प्रसिद्ध दर्रो के नाम व उसके राज्य बहुत आसानी से याद कर पाओगे.
बुका पीर जो बनी जमूरे
बु | बुर्जिल दर्रा |
का | काराकोरम दर्रा |
पीर | पीरपंजाल दर्रा |
जो | जोजिला दर्रा |
बनी | बनिहाल दर्रा |
जमूरे | जम्मू -कश्मीर में स्थित |
हिमाचल का शिर बड़ा
हिमाचल | हिमाचल प्रदेश में स्थित |
शि | शिपकी ला दर्रा |
र | रोहतांग दर्रा |
ब | बारालाचा |
उत्तराखंड की नीलिमा
उत्तराखंड | उत्तराखंड में स्थित |
नी | नीति दर्रा |
लि | लिपुलेख दर्रा |
मा | माना दर्रा |
सिक्किम जाएगा नाथूलाल / सी जैन
सिक्किम | सी | सिक्किम में स्थित |
जाएगा | जै | जेलेप ला (दर्रा) |
नाथूलाल | न | नाथुला दर्रा |
अरुणा यदि बो
अरुणा | अरूणाचल प्रदेश में स्थित |
य | यांग्याप दर्रा |
दि | दिफू दर्रा |
बो | बोमडिला दर्रा |
तू मणिपुर जा
तू | तुजु दर्रा |
मणिपुर | मणिपुर में स्थित |
कर पाल नू शेन
कर | केरल में स्थित |
पाल | पालघाट दर्रा |
शेन | शेनकोट्टा दर्रा |
माँ थाली में भोजन परोसो
माँ | महाराष्ट्र में स्थित |
थाली | थालघाट दर्रा |
भोजन | भोरघाट दर्रा |
निष्कर्ष
हम उम्मीद करते कि आपको हमारा यह लेख दर्रा क्या होता है और भारत के प्रमुख दर्रे के नाम व उनके राज्य जरूर से पसन्द आया होगा. यदि अभी भी आपको भारत के प्रमुख दर्रे याद करने में किसी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है तो आप हमें कमेंट में बता सकते है.
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तो चलो टाटा बाय बाय मिलते है जल्द ही एक नई और मजेदार जानकारी के साथ !!